फूल ने फ़ूल को फ़ूल कहा,
फ़ूल ने फूल सुना, फूल गया,
मीठी लगती है फ़ूल को फूल की नुक़्ताचीनी भी।
कर्मण्ये वाधिकारस्ते
मा फलेषु कदाचन
फलों का राजा, लँगड़ा।
स नी मा पा पा
धा रे मा गा गा
सनीमा, संगीत।
चार आने में
मेले के मज़े
आने नहीं।
तुम्हारी जीत,
मेरी हार,
तुम्हारा हार।
पिया परदे सी, पिया परदे सी,
पिया परदेसी ने पिया परदेसी,
खूब फबती है पिया पर देसी।
बाल-बाल बच गए, सब ठीक-ठाक रे,
बाल बाँका ना हुआ, बच गई नाक रे,
बैरी जग, तू भी जग, बाल बना, बाँका बन।
वो हाथ धरती है
मेरे सर पर,
वो हाथ धरती है।
कटे हैं पर
कटे नहीं हैं,
उड़ रहा हूँ मैं।
तुम सोना चाहते हो,
तुम्हें जागना पड़ेगा,
मैं सोना चाहता हूँ।
जायफल
जो जाय फल
तो जाय फल।
जल बिन मछली,
जल जाती है,
अनजानी सी आग में।
बढ़ना घटना,
घटना घटना,
बढ़। घट ना।
मन भारी है,
एक मन भारी
वज़न है मन पर।
तन तना है तने का, तना तना है अभी,
फल लगेंगे झुक जाएंगीं डालियाँ तनातन
तना तना रहेगा, तन कर खड़ा रहेगा।
काम का मारा आदमी
काम का मारा
कोई सूत्र काम नहीं आता।
जो खाते हैं,
उनके खाते हैं,
स्विस बैंक में।
नाना प्रकार के
होते हैं नाना,
एक पाटेकर भी।
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छुरी घायल करती है, कांटे चुभते हैं,
हथियारों से नहीं, हाथ से खाता आदमी,
“खाते-खाते हँसता है, मैनर्स नहीं है?”
“मैनर्स हैं, वेस्टर्न नहीं हैं बस”,
लो ये खाते-खाते बोलता भी है।