घोर कलियुग
सत्ता में था तो
सिर्फ भूमिका ही बनाई,
विपक्ष में रह कर के
की है सारी कमाई,
मांग थी पूर्ति की,
हाथ की देखो सफाई,
इस बात पे तो इनाम,
मिलना चाहिए भाई!
उल्टी ये दुनिया है,
पीछे ही पड़ गई,
वाड्रा से फिर गई,
और मुझपे गड़ गई!
मैं उद्योगपति नहीं,
सोशल अंतरप्रेन्योर हूँ!
९० प्रतिशत प्योर हूँ,
दस प्रतिशत ही और हूँ!
मेरे कहने पर ही तो,
मेरी जांच कर रहे हैं,
मीडिया वाले फ़ोकट में,
आंच कर रहे हैं!
थोड़ा सा उलटफेर
किसने नहीं किया,
ठेके के बदले फेवर,
किसने नहीं लिया?
इस्तीफ़ा ले लोगे
तुम इत्ती से बात पर,
घोर कलयुग है,
हंसी आती है हालात पर!