बहुत हुआ गुणगान बखान, रहने दो
फलां मॉडल, फलां प्लान, रहने दो!
जन्नत के बदले जमीर का सौदा है
जन्नत के साजो सामान, रहने दो
इन्तखाब में इंतकाम की बात ही क्यूँ
क्या सम्मान, क्या अपमान, रहने दो
दिल काला तो चिट्टी दाढ़ी झूठी है
क्या बाँचो गीता, कुरआन, रहने दो
सपने बेचो, डर बेचो, और क्या बेचो
तुम चाहो बेचो ईमान, रहने दो
भाई भाई के बीच में खाई खोद रहे
रहनुमाई ऐ भाई जान, रहने दो
मिट्टी का है घर अपना और तिस पर
बारिश के भी हैं इमकान, रहने दो
है जमीन पर कब्जा तो तुम ही रखो,
हमरे हिस्से का असमान, रहने दो
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई, ऐ भाई
निरे उल्लू हैं, पर, इंसान रहने दो!
जान के लाले पड़े इश्क के चक्कर में
मत पड़ो ऐ लाले दी जान, रहने दो