(Syria is the English name for the country called Shaam. सीरिया का असली अरबी नाम शाम है.)
धीरे धीरे गहराता है रंग लहू का शाम पर,
शक़ तक ना हो ताकि तुमको इस ख़ूनी अंजाम पर!
तैयारे हैं तैयारी में अब बारी है बमबारी की
लाखों जाने जाएंगी एक कातिल के नाम पर!
मगरिब को मौक़ा है, अबकी इसको भी सदचाक करो,
कौन असद के सदके जाए ऐसे नाज़ुक मकाम पर!
हम गर भूल गए कर वादा इतना क्यूं गुर्राते हो
तुम भी कौन ठसे बैठे थे भरी दुपहरी बाम पर!
तर्क किया है उसको कोसो इतना तो तुम फर्क करो
कासिद पर क्यूँ चढ़ बैठे हो नापसंद पैगाम पर!
अपने सुख से कौन सुखी है दुनिया के मयखाने में
अपनी सुराही बगल दबाई, आँख और के जाम पर!