है बहुत लटपट, मगर वह लाट है,
कठफोड़वा उड़ता नहीं, पर ठाठ है!
कानन कुंडल, आँख गुलाबी,
ठोड़ी गोटी, चाल नवाबी,
नीयत खोटी और अंगूठी आठ है!
कठफोड़वा उड़ता नहीं, पर ठाठ है!
वर्तमान अभिमान ने कुचल दिया,
भूत के भभूत को भी मल लिया,
पूत जब कपूत, तो सब काठ है!
कठफोड़वा उड़ता नहीं, पर ठाठ है!
सपूत सिद्ध अर्थ है
अर्थ के बिना सब व्यर्थ है।
जब तक अर्थ है
विजय है माला है
कठफोड़वा का खेल निराला है।
आला है.